Siwani News: लाल किले पर गूंजेगा शेरपुरा का नाम

भिवानी जिले के सिवानी खंड में स्थित एक छोटे से गाँव शेरपुरा ने आज पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इसका श्रेय जाता है गाँव की सरपंच सुमित्रा पिलानिया को, जिन्होंने स्वच्छता को केवल एक सरकारी योजना तक सीमित न रखकर, उसे एक जन आंदोलन में बदल दिया। इसी उत्कृष्ट कार्य के लिए, उन्हें 15 अगस्त को लाल किले पर होने वाले स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह सम्मान न केवल सुमित्रा के लिए बल्कि पूरे गाँव, ब्लॉक सिवानी और भिवानी जिले के लिए गौरव का क्षण है।


गाँव का परिचय: शेरपुरा, सिवानी, भिवानी

शेरपुरा गाँव हरियाणा राज्य के भिवानी जिले की सिवानी तहसील में स्थित है और जिले के मुख्यालय भिवानी से लगभग 55 किलोमीटर पश्चिम में है। यह सिवानी से मात्र 3 किलोमीटर की दूरी पर है और राज्य की राजधानी चंडीगढ़ से 279 किलोमीटर दूर है। गाँव का पिन कोड 127046 है और इसका डाकघर सिवानी में स्थित है।

शेरपुरा के निकटवर्ती गाँवों में कलोद (3 किमी), मोहिला (3 किमी), गेंदवास (4 किमी) और बख्तावर पुरा (4 किमी) शामिल हैं। इसके आसपास तोशाम, बहल, कैरु और हिसार-II तहसीलें हैं। हिसार, हांसी, भिवानी और पिलानी जैसे प्रमुख शहर भी शेरपुरा के निकट हैं।


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स्वच्छता बना जन आंदोलन

सुमित्रा पिलानिया का यह सम्मान जल शक्ति मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत दिया गया है। हरियाणा से चुनी गई चार सरपंचों में उनका नाम सबसे पहले है, जो उनकी मेहनत और लगन का प्रमाण है। सुमित्रा ने अपने पति प्रदीप पिलानिया के साथ इस ऐतिहासिक आयोजन में हिस्सा लिया।

इस सम्मान का श्रेय वह पूरे गाँव की सामूहिक मेहनत को देती हैं। उन्होंने कहा, “यह सम्मान हमारी सामूहिक मेहनत का फल है। यह आमंत्रण उनके समेत पूरे शेरपुरा गाँव, ब्लॉक सिवानी और भिवानी जिले के लिए गौरव का क्षण है।”

हरियाणा से जिन अन्य तीन सरपंचों को यह सम्मान मिला है, वे हैं:

  • रविंद्र सिंह, सरपंच, गाँव बदरपुर (फरीदाबाद)
  • रतनपाल सिंह, सरपंच, नीरपुर राजपूत (महेंद्रगढ़)
  • जसमेर सिंह, सरपंच, गाँव सुल्तानपुर (करनाल)

भविष्य के लिए बड़े लक्ष्य

सुमित्रा पिलानिया यहीं रुकने वाली नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह तो सिर्फ शुरुआत है। उनका अगला लक्ष्य शेरपुरा को पूरी तरह से खुले में शौच से मुक्त रखना, प्लास्टिक मुक्त और हरियाली युक्त बनाना है। इसके अलावा, वह हर घर में सौर ऊर्जा और वर्षा जल संचयन की व्यवस्था करने की दिशा में भी काम कर रही हैं। यह दिखाता है कि सुमित्रा का दृष्टिकोण केवल स्वच्छता तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वह गाँव के चहुंमुखी विकास के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।


ग्रामीणों और अधिकारियों में खुशी की लहर

इस उपलब्धि से पूरे गाँव में खुशी का माहौल है। ग्रामीण सरपंच को बधाई देते हुए नहीं थक रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सफलता सुमित्रा के समर्पण, मेहनत और जन सहभागिता का परिणाम है। बीडीपीओ अमित कुमार ने भी सरपंच सुमित्रा को मिल रहे इस सम्मान पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। स्वच्छ भारत मिशन के ब्लॉक संयोजक आशा राम नेहरा ने बताया कि सरकार ने श्रेष्ठ गांवों की सूची मांगी थी, जिसमें शेरपुरा का नाम शामिल किया गया था।


शेरपुरा की यह कहानी देश के अन्य गांवों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन रही है कि कैसे एक मजबूत इच्छाशक्ति और जन सहयोग से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। यह दिखाता है कि जमीनी स्तर पर किए गए छोटे-छोटे प्रयास भी देश के विकास में बड़ा योगदान दे सकते हैं.


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