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Arattai क्या Zoho का स्वदेशी WhatsApp बन पाएगा सफल? जानें पूरी जानकारी

भारत की डिजिटल दुनिया में एक नया नाम तेजी से उभर रहा है – अरत्तई (Arattai)। तमिल भाषा में ‘अरत्तई’ का मतलब है ‘गपशप’ या ‘बातचीत’। यह सिर्फ एक मैसेंजिंग ऐप नहीं, बल्कि डेटा प्राइवेसी और डिजिटल आत्मनिर्भरता की लड़ाई का प्रतीक बन गया है।

Arattai ऐप क्या है?

अरत्तई जोहो कॉर्पोरेशन का बनाया हुआ एक स्वदेशी मैसेंजिंग ऐप है। जोहो के संस्थापक श्रीधर वेम्बू ने 2021 में इस ऐप को लॉन्च किया था। वेम्बू ने इसे विशेष तौर पर भारतीय उपयोगकर्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाया है।

तेजी से बढ़ते यूजर्स

सितंबर 2024 के अंत में अरत्तई ने एक ही दिन में 20 लाख नए यूजर्स जोड़े। इस तेज growth की वजह सरकारी अधिकारियों के समर्थन और डेटा सुरक्षा को लेकर बढ़ती जागरूकता थी।

सबसे बड़ी चुनौती: नेटवर्क इफेक्ट

व्हाट्सएप के सामने टिक पाना आसान नहीं है। इसकी सबसे बड़ी वजह है नेटवर्क इफेक्ट – जितने ज्यादा लोग किसी ऐप का इस्तेमाल करते हैं, वह ऐप उतना ही ज्यादा उपयोगी बन जाता है।

हाइक मैसेंजर के संस्थापक कविन भारती मित्तल कहते हैं: “डाउनलोड लेना आसान है, लेकिन यूजर्स को रोके रखना असली लड़ाई है।”

क्रेड के कुणाल शाह ने सीधे कहा: “भावनाओं से नेटवर्क इफेक्ट नहीं टूटता।”

Arattai की खास रणनीति

अरत्तई व्हाट्सएप की सीधी नकल करने की बजाय अलग रास्ता अपना रहा है:

  1. इंटरऑपरेबिलिटी पर फोकस:
    वेम्बू ने आई-स्पिरिट के शरद शर्मा के साथ मिलकर ओपन मैसेंजिंग प्रोटोकॉल बनाने की बात कही है। उनका लक्ष्य है यूपीआई की तरह ओपन मैसेंजिंग सिस्टम बनाना।
  2. लंबे समय तक टिकने की रणनीति:
    जोहो कंपनी मुनाफे में चलने वाली कंपनी है, इसलिए वे लंबे समय तक इंतजार कर सकते हैं।
  3. बिजनेस यूजर्स को टारगेट करना:
    जोहो के पहले से मौजूद Business Users को अरत्तई से जोड़ा जा सकता है।

भविष्य की संभावनाएं

मुश्किलें:

  • कू ऐप का example सामने है जो बंद हो गया
  • व्हाट्सएप के मुकाबले फीचर्स कम होना
  • Initial Hype के बाद यूजर्स का interest कम होना

मौके:

  • सरकारी समर्थन मिलना
  • डेटा प्राइवेसी को लेकर बढ़ती चिंता
  • जोहो कंपनी का मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड

Arattai सिर्फ एक ऐप नहीं, बल्कि भारत की डिजिटल सॉवरेन्टी की लड़ाई का प्रतीक है। श्रीधर वेम्बू का Vision साफ है: “हम कभी मोनोपॉली नहीं बनना चाहते।”

यह ऐप भारत के डिजिटल भविष्य की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है। आने वाला समय बताएगा कि क्या अरत्तई व्हाट्सएप का सफल विकल्प बन पाता है, लेकिन इसने जो बहस छेड़ी है, वह भारत के डिजिटल इकोसिस्टम के लिए बेहद जरूरी है।

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